"शाम / शाम"

                               "Evening / Evening"


                                       "शाम / शाम"


सारांश


         (जब संजय घुटने टेकते हैं तो गाँव और गाँव की सड़कों का वर्णन किया गया है।)


                           

सांझ की बात करते हुए, देश की पहाड़ियों में सूरज धीरे-धीरे चमक रहा है। किसान मैला खेतों में लौटते हैं, लेकिन हर समय नहीं। जिस दिन आप काम करेंगे। 


दिन के मजदूर अपने खर्च पर सामान खरीदने के लिए घर लौटते हैं। पक्षी अपने घरों में घूमते हैं, जबकि अन्य पेड़ों पर घूमते हैं। वे शोर मचाते हैं। 


             धीरे-धीरे भीड़ कम होने लगी और लोगों का शोर कम होने लगा।हर कोई काम के बाद उनकी शरण में लौट आता है। जब तक गाय झुंड से बाहर थीं, तब तक गांव धूल से भरा था फ्लाइंग हम्बा, हम्बा रेडिएशन छोड़ कर घर में प्रवेश करता है।           

        उस समय इस तरह के दृश्य देखना चौंकाने वाला है। कभी-कभी उसे डंप करने और आगे बढ़ने का समय होता है यह करने के लिए अच्छी बात है, और यह वहाँ समाप्त होना चाहिए लोग इसके हर दृश्य का आनंद ले सकते थे। 


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